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बिल जारी करने वालों को पेमेंट प्राप्त करने के लिए अपने स्वयं के कलेक्शन आउटलेट स्थापित करने और वेबसाइटें बनानी एवं व्यवस्थित रखनी पड़ती थी।
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ग्राहकों को प्रत्येक पेमेंट अलग-अलग कलेक्शन आउटलेटों और वेबसाइटों पर करनी पड़ती थी।
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ग्राहकों के पास पेमेंट करने के बहुत कम विकल्प थे।
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भौतिक कलेक्शन आउटलेटों के कार्यकारी घंटे सीमित थे।
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भौतिक संग्रह आउटलेट शहरी क्षेत्रों के बाहर बहुत कम स्थित थे
पेमेंट करने और पेमेंट प्राप्त करने में बहुत समय व्यतीत होता था, इसके लिए बड़े पैमाने पर कई तरह के अतिरिक्त खर्चे करने पड़ते थे और इन्फ्रास्ट्रक्चर पर भी काफी खर्चा होता था, तथा एक पेमेंट से दूसरी पेमेंट तक मानकीकरण का भी अभाव था।
आज, भारत कनेक्ट इन सभी समस्याओं का समाधान प्रदान करता है।
भारत कनेक्ट प्लेटफॉर्म क्या है ?
भारत


कनेक्ट प्लेटफॉर्म
क्या है ?
भारत कनेक्ट की संकल्पना आरबीआई द्वारा की गई थी।
यह कई सारे बिजनेसों और ग्राहकों को एक ही सिस्टम पर लाने और पेमेंट कलेक्शन को सुविधाजनक बनाने के लिए तकनीकी समाधान प्रदान करता है।
ग्राहक पूरे भारत में भौतिक भुगतान पेमेंट कलेक्शन आउटलेट (बैंक शाखाएं, एजेंट कलेक्शन स्टोर आदि) और डिजिटल चैनलों (ऐप, वेबसाइट आदि) के माध्यम से पेमेंट कर सकते हैं।
यह सिस्टम शीघ्रता से पेमेंट के भुगतान की सुविधा देता है, कई पेमेंट के भुगतान के लिए कई तरीकों को सपोर्ट करता है और 21,000 से अधिक बिल जारीकर्ताओं को लाखों ग्राहकों से पेमेंट कलेक्शन काफी सुलभ बना देता है।
भारत कनेक्ट
सेंट्रल यूनिट
की
जिम्मेदारियां
क्या हैं?
भारत कनेक्ट सेंट्रल यूनिट सिस्टम को संचालित करने वाली एकल अधिकृत इकाई के रूप में कार्य करती है।
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बिजनेस के लिए प्रक्रियाएँ और कार्यविधियाँ निर्धारित करना
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भारत कनेक्ट की मार्केटिंग और ब्रांड पोजिशनिंग
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बीओयू, सीओयू और उनके संबंधित एजेंट संस्थानों की क्लीरिंग और अदायगी
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उपभोक्ता शिकायत एवं विवाद प्रबंधन
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परिचालन इकाइयों और उनके संबंधित बिल जारीकर्ताओं व एजेंट संस्थानों की ऑनबोर्डिंग
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उपयुक्त एमआईएस और उपयुक्त धोखाधड़ी जोखिम प्रबंधन
भारत कनेक्ट प्लेटफॉर्म
के
क्या फायदे हैं?
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बिल जारीकर्ताओं के लिए समय पर पेमेंट कलेक्शन
सिस्टम को इतना सिंपल डिज़ाइन किया गया है कि पेमेंट की अंतिम तिथि छूटने का कोई बहाना न बनाना पड़े।
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ग्राहकों के लिए तुरंत पेमेंट की सुविधा
ग्राहक किसी भी समय, किसी भी स्थान से, एक ही प्लेटफॉर्म के माध्यम से सभी बिलों का भुगतान कर सकते हैं।
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रियलटाइम पुष्टि
बिल जारीकर्ताओं और ग्राहकों को पेमेंट ट्रांसफर के बारे में एसएमएस या भौतिक रसीदों के माध्यम से तुरंत पुष्टि मिल जाती है।
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अति सुरक्षित बहीखाते
प्रत्येक पेमेंट संबंधी लेनदेन का विवरण सुरक्षित रूप से डिजिटली रिकॉर्ड किया जाता है।
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केंद्रीकृत विवाद प्रबंधन
ग्राहक प्लटेफॉर्म पर मौजूद किसी भी बिल के संबंध में यहीं से शिकायत भी दर्ज करा सकते हैं।
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वास्तविक संस्थाएँ
सभी साझेदार केवल वास्तविक पार्टियों से ही जुड़ते हैं।
सभी फायदे देखें

भारत कनेक्ट सिस्टम का
इतिहास क्या है?
भारत कनेक्ट की नींव तब रखी गई थी,
जब आरबीआई ने 2013 में
सरकारी आंतरिक
राजस्व आदेश (जीआईआरओ)
सलाहकार समिति के माध्यम
से एक राष्ट्रव्यापी अध्ययन शुरू किया।
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2013
एकीकृत बिल भुगतान प्रणाली के लिए जीआईआरओ समिति का अध्ययन किया गया।
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2015
भारत कनेक्ट के दिशानिर्देश और संरचना तैयार की गई
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2016
भारत कनेक्ट का पायलट लॉन्च किया गया
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2017
भारत कनेक्ट चुनिंदा भुगतान श्रेणियों के साथ लाइव हो गया।
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2018
भारत कनेक्ट सिस्टम का ब्रांड लॉन्च किया गया।
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2019
5 से 20+ भुगतान श्रेणियों को शामिल किया गया
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2021
एनपीसीआई भारत कनेक्ट लिमिटेड (एनबीबीएल) का गठन किया गया
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2022
क्रॉस-बॉर्डर बिल पेमेंट की शुरूआत
ओएनडीसी में निपटान एजेंसी के रूप में कार्य करने की स्वीकृति प्राप्त हुई
मौद्रिक नीति में भारत कनेक्ट सिस्टम के दायरे का विस्तार
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2023
100 करोड़ से अधिक लेनदेन पूरे किये

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